रायबरेली में एक युवती के लिये पिता की गरीबी अभिशाप बन गई। बेटी की शादी में बीस लाख के दहेज की मांग पूरी नहीं कर सके तो बारात ही नहीं आई।

रायबरेली में एक युवती के लिये पिता की गरीबी अभिशाप बन गई। बेटी की शादी में बीस लाख के दहेज की मांग पूरी नहीं कर सके तो बारात ही नहीं आई। युवती दुल्हन बनकर तैयार बैठी रहगई। घर में बारातियों के स्वागत को लेकर बज रही शहनाइयों ने उस समय दम तोड़
दिया जब वर पक्ष की तरफ से खबर आई कि वह बारात नहीं ला रहे हैं। बारात न लाने का कारण जानकर मजबूर बाप कुछ भी करने की स्थिती में नहीं था सिवाय इसके कि कानून की मदद ले। पुलिस ने फिलहाल दूल्हा समेत अन्य लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया हैं।
पूरा मामला शिवगढ़ थाना इलाके के बैंती गांव का हैं। जहां के रहने वाले राजेंद्र जायसवाल ने अपनी बेटी शिवानी का रिश्ता सीतापुर के अंकित जायसवाल के साथ तय किया था। कुछ दिन पहले धूमधाम के साथ तिलक भी चढ़ गया था। कल अंकित की तरह से बारात लानी
थी। राजेंद्र जायसवाल ने अपनी हैसियत के मुताबिक बरातियों के स्वागत की सारी तैयारी कर रखी थी। उधर दुल्हन भी सज धज कर तैयार दूल्हे के इंतजार में बैठी थी। लेकिन बारात तय समय से काफी देर तक नहीं पहुंची तो वधु पक्ष के लोगों को चिंता हुई। उन लोगों ने दूल्हे
अंकित के पिता को फोन किया तो उन्होंने बताया कि पूर्व में की गई मांग पूरी नहीं हुई इसलिये वह बारात नहीं लेकर आया। इतना सुनते ही राजेंद्र जायसवाल के पैरो की जमीन किसक गई उधर दुल्हन को जब पूरी बात मालूम हुई तो उसने भी बिलख बिलख कर रोना शुरू कर दिया। मजबूरन राजेंद्र जायसवाल ने पुलिस को पूरे मामले की जानकारी देते हुए बताया कि वर पक्ष के लोगों ने तिलक के बाद दूल्हे की नौकरी लगवाए जाने को लेकर बीस लाख नगद और चार पहिया गाडी की मांग रखी थी। शिवानी के पिता ने अपनी गरीबी का हवाला देते
हुए जब मांग पूरी करने में असमर्थता जताई तो उन लोगों अंजाम भुगतने की धमकी दी थी। उसी का नतीजा रहा कि कल सारी तैयारियों के बाद भी बारात नहीं आई। पुलिस ने फिलहाल राजेंद्र जायसवाल की तहरीर पर वर पक्ष के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया हैं।