विद्यालय मर्जर के खिलाफ ग्रामीणों का फूटा गुस्सा, केशौली में जन आंदोलन गोष्ठी

“गरीब बच्चों से न छीना जाए उनका विद्यालय” – नीरज हंस
खीरों (रायबरेली)। उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ के आह्वान पर विकास क्षेत्र खीरों के प्राथमिक विद्यालय केशौली प्रथम में गुरुवार को विद्यालय मर्जर के खिलाफ जोरदार जन आंदोलन गोष्ठी का आयोजन किया गया। विद्यालय को केशौली द्वितीय में मर्ज करने के सरकारी आदेश के विरोध में ग्रामीणों, अभिभावकों, छात्रों व शिक्षकों ने एकजुट होकर अपनी आवाज बुलंद की।
गोष्ठी की अध्यक्षता शिक्षक संघ के ब्लॉक अध्यक्ष नीरज हंस ने की, जबकि पर्यवेक्षण जनपदीय प्रचार मंत्री अनुपम शुक्ला ने किया। इस दौरान मंच से स्पष्ट संदेश दिया गया कि यदि यह तुगलकी फरमान वापस नहीं लिया गया तो आंदोलन को और व्यापक रूप दिया जाएगा।
“बिना सहमति कैसे हो सकता है मर्जर”
आंदोलन में शामिल ग्रामीणों ने कहा कि बिना ग्रामवासियों व अभिभावकों की सहमति के विद्यालय मर्ज कर देना जन भावनाओं के साथ खिलवाड़ है। ग्रामीण रामनरेश ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि सरकार को विद्यालय बन्द करना है तो कोई और व्यवस्था करे, लेकिन बच्चों का भविष्य न छीने।
ग्रामीण शिव बरन ने भावुक होते हुए बताया कि उन्होंने विद्यालय के लिए अपनी जमीन दी थी, लेकिन आज उसी विद्यालय को मर्ज किया जा रहा है, यह पीड़ा असहनीय है।
“हमारा विद्यालय मत छीनो…” रो पड़ी छात्रा
विद्यालय की छात्रा चाहत गौतम मर्जर की बात सुनते ही रो पड़ी। उसने कहा – “हमसे हमारा विद्यालय मत छीना जाए।” छात्र आर्यन साहू ने भी दूसरे विद्यालय में पढ़ने से साफ इनकार कर दिया।
सड़क, तालाब और खतरे का रास्ता
अभिभावकों ने मर्ज किए गए विद्यालय की दूरी व रास्ते की खराब हालत को लेकर चिंता जताई। लक्ष्मी देवी ने बताया कि बरसात में बच्चों को भेजना बेहद कठिन हो जाता है। गीता देवी ने बताया कि दूसरे विद्यालय के रास्ते में तालाब पड़ता है, जहां पिछले साल एक बच्चे की डूबने से मौत भी हो चुकी है।
“हमारा रोजगार मत छीना जाए” – रसोइयों की पुकार
विद्यालय में कार्यरत रसोइयों फूलमती और मालती ने मर्जर के विरोध में रोते हुए कहा कि बुढ़ापे में यह सहारा छीनना अन्याय है। फूलमती भावुक होते हुए बोलीं – “यह बदलाव हमारे जीवन पर कहर बनकर टूटा है।”
संघ पदाधिकारियों ने दी चेतावनी
जिला उपाध्यक्ष श्याम शरण यादव ने कहा कि सरकार यदि इस आदेश को वापस नहीं लेती है तो आंदोलन को बड़ा रूप दिया जाएगा। जिला प्रचार मंत्री अनुपम शुक्ला ने कहा कि सरकार को शिक्षा के साथ प्रयोग बंद करने चाहिए। अध्यक्ष नीरज हंस ने कहा कि यह गरीब मजलूम बच्चों के भविष्य का सवाल है, जिसे किसी भी हाल में दबने नहीं दिया जाएगा।
गोष्ठी का संचालन तहसील प्रभारी विश्वनाथ प्रसाद ने किया। इस मौके पर प्रबंध समिति की अध्यक्षा आशा देवी, अभिभावक रामनरेश, शिवमोहन, दौलत राम, विट्टो देवी, शिवशंकर सहित बड़ी संख्या में ग्रामीण, शिक्षक व शिक्षामित्र उपस्थित रहे।
ग्रामीणों का ऐलान
“जब तक विद्यालय मर्जर का आदेश रद्द नहीं होगा, तब तक संघर्ष जारी रहेगा।”
गोष्ठी में यह संकल्प दोहराया गया कि अब यह आंदोलन जन-आंदोलन बनेगा और शिक्षा बचाने की यह लड़ाई निर्णायक मोड़ तक जाएगी।