रेल परिवहन के ज़रिए कृषि आपूर्ति श्रृंखला में क्रांति लाने की ओर फार्मार्ट का बड़ा कदम

नामकुम (झारखंड) से काकीनाडा (आंध्र प्रदेश) तक पहली बार ‘रेक’ से 2700 मीट्रिक टन चावल की आपूर्ति
नई दिल्ली, 04/03/2025 – भारत की कृषि आपूर्ति श्रृंखला में एक नया अध्याय जुड़ने जा रहा है। फार्मार्ट (FarMart), जो देशभर में किसानों और खाद्य उत्पादकों को जोड़ने का काम करता है, अपनी अब तक की सबसे बड़ी रेलवे शिपमेंट को अंजाम देने जा रहा है। झारखंड के नामकुम से आंध्र प्रदेश के काकीनाडा तक 2,700 मीट्रिक टन परबॉयल्ड IR 64 चावल की पहली रेक लोडिंग की जा रही है।
यह कदम न केवल फार्मार्ट के लिए एक बड़ी उपलब्धि है, बल्कि भारत की खाद्य आपूर्ति श्रृंखला में एक क्रांतिकारी बदलाव का संकेत भी देता है। अब तक कृषि उत्पादों की आपूर्ति मुख्य रूप से सड़क मार्ग से होती थी, लेकिन रेलवे के इस्तेमाल से लॉजिस्टिक्स में खर्च में कमी, समय की बचत और पर्यावरणीय लाभ मिल रहे हैं। रेल मार्ग सड़क मार्ग की तुलना में 80% तक कार्बन उत्सर्जन कम करता है, जिससे यह एक सस्ती, तेज़ और अधिक टिकाऊ परिवहन प्रणाली साबित हो रही है।
फार्मार्ट की इस उपलब्धि पर कंपनी के पीआर प्रमुख ने कहा, “यह सिर्फ एक शिपमेंट नहीं, बल्कि भारत के कृषि लॉजिस्टिक्स के भविष्य की एक झलक है। रेलवे के माध्यम से बड़े पैमाने पर खाद्य आपूर्ति को सक्षम बनाना, लागत को कम करना और किसानों को एक मजबूत बाज़ार से जोड़ना हमारी प्रतिबद्धता का हिस्सा है।”
रेलवे का यह रेक मूवमेंट दिखाता है कि भारत की खाद्य आपूर्ति श्रृंखला अब एक नए युग में प्रवेश कर रही है, जहां बेहतर बुनियादी ढांचे, कुशल लॉजिस्टिक्स और टिकाऊ समाधानों का महत्व पहले से कहीं अधिक बढ़ गया है। फार्मार्ट की यह पहल आगामी वर्षों में कृषि उत्पादों की निर्बाध आपूर्ति के लिए एक मिसाल बनेगी।
क्या भारत की खाद्य आपूर्ति श्रृंखला में रेलवे भविष्य की रीढ़ बन सकता है? इस ऐतिहासिक कदम से यह सवाल और भी प्रासंगिक हो गया है।
फार्मार्ट के बारे में
फार्मार्ट भारत की प्रमुख एग्री-सप्लाई चेन कंपनी है, जो किसानों, एफपीओ (FPO), और खाद्य उत्पादकों को एक संगठित नेटवर्क से जोड़ती है। यह कंपनी भारत के लाखों किसानों से लेकर बड़े ब्रांड्स तक गुणवत्तापूर्ण कृषि उत्पादों की सप्लाई सुनिश्चित करती है और पारदर्शी, टिकाऊ तथा कुशल खाद्य आपूर्ति प्रणाली के निर्माण में योगदान दे रही है।